Saturday, January 31, 2009

आल्हा

लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़े- बड़े बबुआन
लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार
नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार
बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार
मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह चण्डाल
झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल
नाच करावे बँगला में मुरलिधर बेन बजाव
मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के रुन रुन बाजे सितार
तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा लाग
नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल
तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच
सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग
घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम
चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत बाय
पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया भैल रकत के धार
चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शेर जवान
अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय
जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय
ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला में पहुँचल जाय
देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान
देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों उदास
कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन gaadh
bhed बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार
हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया सुन धरम के बात
पड़ी सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव
पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल
पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन बिरिन पहाड़
चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी मिले बार कुआँर
कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार
बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझार
बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं
बियाह करों बिअहवा सोनवा से
एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनानजोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रुदल कहना मान हमारजन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के नाहिंबरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डालबावन दुलहा के बँधले बा साढ़े सात लाख बरियातसमधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जायभाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मँझारएकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजारमारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना मान हमारकेऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा से करे बियाहजन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमारप्रतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बर के भैल अँगारहाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया सुनी बात हमारकादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहारधिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवारटूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमारजेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन रात चली तरवारएतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय जायहाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू सुनव् रुदल बबुआनकेत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव् मनलव् मोरलरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव् माने मोरजे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव् बनायएतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जायदे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाजडूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकारबाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चामजात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चारचार दिन के जिनगानी फिर अँधारी रातदैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें भगवानजे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल मेंट नाहिं जायगज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब से मार
तब तो बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल बबुआनचल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनायलागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रुदल पहुँचे जायसोना पलँगरी बिछवाइ सोना के मोंढा देल धरवायसात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल बैठायहाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के बलि जाओंलागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा साथएतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होई जायजोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं रुदल बबुआनजहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ लोधिन गिरे हमारडेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमारबाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लावव् हमरा पासचल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास में पहुँचल जायबावन कोतल के बाँधल है बीच में बाँधल बेनुलिया घोड़ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जायजोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुनव् बात हमारभैल बोलाहट बघ रुदल केलागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा साथएतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के भैल अँगारबोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओंबज् पड़ गैल आल्हा पर ओ पर गिरे गजब के धारजब से ऐलों इन्द्रासन से तब से बिदत भैल हमारपिल्लू बियायल बा खूरन में ढालन में झाला लागमुरचा लागि गैल तरवारन में जग में डूब गैल तरवारआल्हा लड़ैया कबहीं नव् देखल जग में जीवन में दिन चारएतना बोली डेबा सुन गैल डेबा खुसी मंगन होय जायखोलै अगाड़ी खोलै पिछाड़ी गरदनियाँ देल खोलायजीन जगमियाँ धर खोले सोनन के खोलै लगामपीठ ठोंक दे जब घोड़ा के घोड़ा सदा रहव् कलियानचलल जे राजा डेबा ब्राहमन घुड़ बेनुल चलल बनायघड़ी अढ़ाई का अन्तर में रुदल कन पहुँचल जायदेखल सूरत घुड़ बेनुल के रुदल बड़ मंगन होय जायदेहिया पोंछे जब घोड़ बेनुल के रुदल हँस के कैल जनाबहाथ जोड़ के रुदल बोलल घोड़ा सुन ले बात हमारतब ललकारें रुदल बोलल डेबा मंत्री के बलि जाओघोड़ा बेनुलिया तैयारी कर जलदी बोल करव् परमानघोड़ा पलाने डेबा ब्राहमन रेसम के भिड़े पलानचोटी गुहावे सोनन से चाँदी खील देल मढ़वायपूँछ मढ़ावल हीरा से महराजा सुनीं मोर बातसात लाख के हैकलवा है घोड़ा के देल पेन्हायएतो पोसाक पड़ल घोड़ा के रुदल के सुनी हवालबावन गज के धोती बाँधे खरुअन के चढ़ल लँगोट अस्सी मन के ढलिया है बगल में लेल लगायतीस मन के जब नेजा है हाथन में लेल लगायबाँक दुआल पड़ल पंजड़ तक तर पल्ला पड़ल तरवारछप्पन छूरी नौ भाला कम्मर में ढुले बनायबूता बनाती गोड़ सोभै जिन्ह का गूँज मोंछ फहरायबावन असरफी के गल माला हाथन में लेल लगायभूजे डण्ड पर तिलक बिराजे परतापी रुदल बीरफाँद बछेड़ा पर चढ़ गैल घोड़ा पर बैल असवारघोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीरदुइए घोड़ा दुइए राजा नैना गढ़ चलल बनायमारल चाबुक है घोड़ा के घोड़ा जिमि नव् डारे पाँवउड़ गैल घोड़ा सरगे चल गैल घोड़ा चाल बरोबर जायरिमझिम रिमझिम घोड़ा नाचे जैसे नाचे जंगल के मोररात दिन का चलला माँ नैना बढ़ लेल तकायदेखि फुलवारी सोनवा के रुदल बड़ मगन होय जायडेबा डेबा के गोहरावे डेबा सुनव् बात हमारडेरा गिरावव् फुलवारी में प्रक निंदिया लेब गँवारबड़ा दिब्य के फुलवारी है जहवाँ डेरा देल गिरायघुमि घुमि देखे फुलवारी के रुदल बड़ मंगन होय जायदेखल अखाड़ा इन्दरमन के रुदल बड़ मंगन होय जायकैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल लगायबावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगायपलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ लाखमूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डीलतीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल मैदानताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनीं मोर बातफुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल भहरायजल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जायबसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए मोती के लोरकहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल उजार सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचायसतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली बनायघड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जायरुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली बनायदेखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनानबड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन बरै इँजोरपड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी मैदाननींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओरहाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं बात हमारबावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचासभोग चढ़ाइब अदमी के देबी अरजी मानव् हमारएतनी बोली देबी सुन गैली देबी जरि के भैली अँगारतब मुँह देबी बोलली बबुआ सुनीं रुदल महराजबेर बेर बरजों बघ रुदल के लरिका कहल नव् मनलव् मोरमरिया राजा नैना गढ़ के नैंनाँ पड़े इन्दरमन बीरबावन गुरगुज के किल्ला है जिन्ह के तिरपन लाख बजारबावन थाना नैना गढ़ में जिन्ह के रकबा सरग पतालबावन दुलहा के सिर मौरी दहवौलक गुरैया घाटमारल जैबव् बाबू रुदल नाहक जैहें प्रान तोहारपिण्डा पानी के ना बचबव् हो जैबव् बन्स उजारएतनी बोली रुदल सुन गैल तरवा से लहरल आगपकड़ल झोंटा है देबी के धरतो पर देल गिरायआँखि सनीचर है रुदल के बाबू देखत काल समान
दूचर थप्पर दूचर मुक्का देबी के देल लगायलै के दाबल ठेहुना तर देबी राम राम चिचियायरोए देबी फुलवारी मैं रुदल जियरा छोड़व् हमारभेंट कराइब हम सोनवा सेंएतनी बोली रुदल सुन के रुदल बड़ मंगन होय जायप्रान छोड़ि देल जब देबी के देबी जीव ले चलल परायभागल भागल देबी चल गैल इन्द्रासन में पहुँचल जायपाँचों पण्डु इन्द्रासन में जहवाँ देबी गैल बनायपड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्टरोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमारतीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजारतब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमारआइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धरायसादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाहजिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोरएतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोरथर- थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमारबरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डालभार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमारभागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनायबावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनायलग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लागचारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनायपान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बायओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बायलै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं बात हमारआइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बायमाँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह जिब ना बाँचल मोर देवी के सोनवा जान बचाई मोरनाम रुदल के सुन के सोनवा बड़ मगन होय जायलौंड़ी लोंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी बात मनावरात सपनवाँ में सिब बाबा के सिब पूजन चलि बनायजौन झँपोला मोर गहना के कपड़ा के लावव् उठायजौन झँपोला है गहना के कपड़ा के ले आवव् उठायखुलल पेठारा कपड़ा के जिन्ह के रास देल लगवायपेनहल घँघरा पच्छिम के मखमल के गोट चढ़ायचोलिया पेन्हे मुसरुफ के जेह में बावन बंद लगायपोरे पोरे अँगुठी पड़ गैल सारे चुरियन के झंझकारसोभे नगीना कनगुरिया में जिन्ह के हीरा चमके दाँतसात लाख के मँगटीका है लिलार में लेली लगायजूड़ा खुल गैल पीठन पर जैसे लोटे करियवा नागकाढ़ दरपनी मुँह देखे सोनवा मने मने करे गुनानमन जा भैया रजा इन्दरमन घरे बहिनी रखे कुँआरवैस हमार बित गैले नैनागढ़ में रहलीं बार कुँआरआग लगाइब एह सूरत में नेना सैव लीं नार कुँआरनिकलल डोलवा है सोनवा के सिब का पूजन चलली बनायपड़लि नजरिया इंदरमन के से दिन सुनों तिलंगी बातकहवाँ के राजा एत बरिया है बाबू डोला फँदौले जायसिर काट दे ओह राजा के कूर खेत माँ देओ गिरायलड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल बवन्तर हाथ पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जायनाता नव् राखब एह भैया केजेतना जे गहना बा देहन के डोला में देल धरायबावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल ब्यालिस हाथपड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी मार तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव् डाले पाँवसात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल सतासी रातसात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव् सोनवा हटे बनायघैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन लेल अली के नामजौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर लेल बचायदोसर तेगा हन मारे कँगना पर लेल बचारतेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर लेल बचायकूदल बहुरिया ओजनी से कूदल बवन्तर हाथपकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती में देल गिरायलै के दाबल ठेहुना तर राजा राम राम चिचियायपड़ल नजरिया समदेवा के समदेव रोवे जाय बेजारहाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा बात मनावपहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिरएतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी बड़ मोहित हाय जायजान छोड़ देल इंदरमन के जब सोनवा देल जवाब केतना मनौलीं ए भैया के भैया कहा नव् मनलव् मोररात सपनवाँ सिब वाबा केएतनी बोली सुनल इंदरमन राजा के के भैल अँगारसोत खनाबों गंगा जी के सिब के चकर देब मँगवायफूल मँगाइब फुलवारी से घरहीं पूजा करु बनायतिरिया चरित्तर केऊ ना जाने बात देल दोहरायकरे हिनाइ बघ रुदल केऊ तो निकसुआ है सोंढ़ही के राजा झगरु देल निकालसेरहा चाकर पर मालिक के से सोनवा से कैसे करै बियाहपाँचो भौजी है सोनवा के संगन में देल लगायमुँगिया लौंड़ी के ललकारे लौंड़ी कहना मान हमारजैसन देखिहव् सिब मंदिर में तुरिते खबर दिहव् भेजवायमूरत देखे सिब बाबा के सोनवा मन मन करे गुनानलौंड़ी लौंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओंफूल ओराइल मोर डाली के फुलवारी में फूल ले आ वह जायएतनी बोली लौंड़ी सुन के लौंड़ी बड़ मंगन होय जायसोनक चंपा ले हाथन माँ फुलवारी में जेमल बनायबैठल राजा डेबा ब्राहमन जहवाँ लौंड़ी गेल बनायकड़खा बोली लौंड़ी बोलल बाबू सुनीं रजा मोर बातकहाँ के राजा चलि आइल फुलवारी में डेरा देल गिरायकौड़ी लागे फुलवारी के मोर कोड़ी दे चुकायतब ललकारे डेबा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओंहम तो राजा लोहगाँ के दुनियाँ सिंघ नाम हमारनेंवता ऐली समदेवा के उन्ह के नेंतवा पुरावन आय
एतनी बोली जब सुन गैले लौंड़ी के भैल अँगारकरे हिनाइ बघ रुदल केसेरहा चाकर पर मालिक के रुदल रोटी बिरानी खायकत बड़ सोखी बघ रुदल के जे सोनवा से करे खाय बियाहजरल करेजा है बघ रुदल के तरवा से बरे अँगारलौंड़ी हो के अतर दे अब का सोखी रहा हमारछड़पल राजा है बघ रुदल लौंड़ी कन पहुँचल जायपकड़ल पहुँचा लौंड़ी के धरती में देल गिरायअँचरा फाड़े जब लौंड़ी के जिन्ह के बंद तोड़े अनमोलहुरमत लूटे ओहि लौंड़ी के लौंड़ी रामराम चिचियायभागल लौंड़ी हैं सोनवा के फुलवारी से गैल परायबठली सोनवा सिब मंदिर में जहवाँ लौंड़ी गैल बनायबोले सोनवा लौंड़ी से लौंड़ी के बलि जाओंकेह से मिलल अब तूँ रहलू एतना देरी कैलू बनायतब ललकारे लौंड़ी बोलल रानी सोनवा के बलि जाओदेवर आइल तोर बघ रुदल फुलवारी में जुमल बनायजिव ना बाँचल लौंड़ी के सोनवा,जान बचावव् हमारनाम रुदल के सुन गैले सोनवा बड़ मंड्गन होय जायजे बर हिछलीं सिब मंदिर में से बर माँगन भेल हमारएतो बारता है सोनवा के रुदल के सुनीं हवालघोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीरघोड़ा उड़ावल बघ रुदल सिब मंदिर में पहुँचल जायघोड़ा बाँध दे सिब फाटक में रुदल सिब मंदिर में गैल समायपड़लि नजरिया है सोनवा के रुदल पड़ गैल दीठभागल सोनवा अण्डल खिरकी पर पहुँचल जायसोने पलंगिया बिछवौली सोने के मढ़वा देल बिछवायसात गलैचा के उपर रुदल के देल बैठायहाथ जोड़ के सोनवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओकहवाँ बेटी ऐसन जामल जेकरा पर बँधलव् फाँड़ बोले राजा बघ रुदल भौजी सोनवा के बलि जाओंबारह वरिसवा बित गैल भैया रह गैल बार कुँआरकिला तूड़ दों नैना गढ़ के सोनवा के करों बियाहएतनी बोली रानी सोनवा सुन गैल सोनवा बड़ मंड्गन होय जायभुखल सिपाही मोर देवर है इन्ह के भोजन देब बनायदूध मँगौली गैया के खोआ खाँड़ देल बनवायजेंइ लव् जेंइ लव् बाबू रुदल एहि जीबन के आसकड़खा बोली रुदल बोलल भौजी सोनवा अरजी मान हमारकिरिया खैलीं मोहबा गढ़ में अब ना अन गराहों पानपानी पीयो मद पीयों भौजी अन गौ के माँसतब ललकार सोनवा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओंफगुआ खेलावह मोर देवर के इन्ह के फगुआ देह खेलायघौरै अबिरवा सिब मंदिर मेंकेऊ तो मारे हुतका से केऊ रुदल के मैसे गालभरल घैलवा है काँदो के देहन पर देल गिरायधोती भीं जल लरमी के पटुका भींजल बदामी वालमोंती चूर के डुपटा है कीचर में गैल लोटायबोले राजा बघ रुदल बाबू डेबा सुनी बात हमाररण्डी के चाकर हम ना लागीं तिरिया में रहों लुभायभैं तो चाकर लोहा के सीता राम करे सो होयबीड़ा मँगावल पनवाँ के भर भर सीसा देल पिलायपढि पढि मारे लौंड़ी के टिकुली टूक टूक उड़ जायभागल लौंड़ी है सोनवा के लौंड़ी जीव ले गैल परायलागल कचहरी इंदरमन के बँगला बड़े- बड़े बबुआनओहि समन्तर लौंड़ी पहुँचल इंदरमन अरजी मान हमारआइल रजा है बघ रुदल के डोला घिरावल बायमाँग बिअहवा सोनवा के बरियारी से माँगै बियाहहै किछू बूता जाँघन में सोनवा के लावव् छोड़ावमन मन झड़खे रजा इंदरमन बाबू मन मन करे गुनानबेर बेर बरजों सोनवा के बहिनी कहल नव् मानल मोरपड़ गैल बीड़ा जाजिम पर बीड़ा पड़ल नौ लाखहे केऊ रजा लड़वैया रुदल पर बीड़ा खाय चौहड़ काँपे लड़वेया के जिन्ह के हिले बतीसो दाँतकेकर जियरा है भारी रुदल से जान दियावे जायबीड़ा उठावल जब लहरा सिंड्घ कल्ला तर देल दबायमारु डंका बजवावे लकड़ी बोले जुझाम जुझामएको एका दल बटुरल जिन्ह के दल बावन नवे हजारबूढ़ बियाउर के गनती नाहिं जब हाथ के गनती नाहिंबावन मकुना के खोलवाइन रजा सोरह सै दन्तारनब्वे सै हाथी के दल में ड़ड़ उपरे नाग डम्बर उपरे मेंड़रायचलल परवतिया परबत के लाकट बाँध चले तरवारचलल बँगाली बंगाला के लोहन में बड़ चण्डालचलल मरहट्टा दखिन के पक्का नौ नौ मन के गोला खायनौ सौ तोप चलल सरकारी मँगनी जोते तेरह हजारबावन गाड़ी पथरी लादल तिरपन गाड़ी बरुदबत्तिस गाड़ी सीसा जद गैल जिन्ह के लंगे लदल तरवारएक रुदेला एक डेबा पर नब्बे लाख असवारबावन कोस के गिरदा में सगरे डिगरी देल पिवायसौ सौ रुपया के दरमाहा हम से अबहीं लव् चुकायलड़े के बोरिया भागे नौ नौ मन के बेड़ी देओं भरवायबोगुल फूँकल पलटन में बीगुल बाजा देल बजायनिकलल पलटन लहरा के बाबू मेघ झरा झर लागझाड़ बरुदन के लड़वैया साढ़े साठ लाख असवारचलल जे पलटन है लहरा के सिब मंदिर के लेल तकायबावन दुआरी के सिब मंदिर बावनों पर तोप देल धरवायरुदल रुदल घिराइल सिव मंदिर माँजरल करेजा है रुदल के घोड़ा पर फाँद भेल असवारताल जो मारे सिब मंदिर में बावनों मंदिर बिरल भहरायबोलल राजा लहरा सिंह रुदल कहना मानव् हमारडेरा फेर दव् अब एजनी से तोहर महाकाल कट जायनाहिं मानल बघ रुदल बाबू सूनीं धरम के बातबातन बातन में झगड़ा भैल बातन बढ़ल राड़बातक झगड़ा अब के मेटे झड़ चले लागत तरवारतड़तड़ तड़तड़ लेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार सनसन सनसन गोली उड़ गैल दुइ दल कान दिलह नाहिं जायझाड़ बरुदन के लड़वैया सै साठ गिरल असवारजैसे बढ़इ बन के कतरे तैसे कूदि काटत बाय
आधा गंगा जल बहि गैल आधा बहल रकत के धारऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवारढलिया बहि बहि कछुआ होय गैल तरुअरिया भैल धरियारछूरि कटारी सिंधरी होय गैल धै धै तिलंगा खायनब्बे हजारन के पलटन में दसे तिलंगा बाँचल बायकिरिया धरावल जब लहरा सिंह रुदल जियरा छाड़व् हमारनैंयाँ लेब बघ रुदल केएतनी बोली बघ रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जायफिर के चलि भेल बघ रुदल लहरा दोसर कैल सरेखखैंचल तेगा जब लहरा सिंह बाबू लिहल अली के नाम जौं तक मारल बघ रुदल के देबी झट के लिहल बचायबरल करेजा बघ रुदल के रुदल कूदल बवन्तर हाथजौं तक मारल लहरा के भुँइयाँ लोथ फहरायभागल फौदिया जब लहरा के जब नैना गढ़ गैल परायलागल कचहरी इंदरमन के जहाँ तिलंगा पहुँचल जायबोलै तिलंगा लहरा वाला राजा इंदरमन जान बचाई मोरएतनी बोली सुनल इंदरमन बाबू मन में करे गुनान पड़ गलै बीड़ा इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठायहाथी मँगावल भौंरानंद जिन्ह के नौं मन भाँग पिलायदसे तिलंगा ले साथन में सिब मंदिर पहुँचल जायघड़ी पलकवा का चलला में सिब मंदिर पहुँचल जायबाँधल घोड़ा रुदल के पलटन पर पड़ गैल दीठघीचै दोहाइ जब देबी के देबी प्रान बचावव् मोरआइल देबी जंगल के बनस्पती देबी पहुँचल आयघोड़ा खोल देल बघ रुदल के घोड़ा उड़ के लागल अकासरुदल सूतल सिब मंदिर में जहवाँ घोड़ा पहुँचल बायमारे टापन के रोनन से रुदल के देल उठायबोलल घोड़ा रुदल के बाबू पलटन इंदरमन के पहुँचल आयफाँद बछेड़ा पर चढि गैल पलअन में पहुँचल बायबलो कुबेला अब ना चीन्हे जाते जोड़ देल तरवारपड़ल लड़ाइ इंदरमन में रुदल से पड़ गैल मारऐसी लड़ाई सिब मंदिर में अब ना चीन्हे आपन परायगनगन गनगन चकर बान बोले जिन्हके बलबल बोले ऊँट सनसन सनसन गोली बरसे दुइ दल कान दिहल नाहिं जायदसो तिरंगा इंदरमन के रुदल काट कैल मैदानगोस्सा जोर भैल इंदरमन खींच लेल तरवारजौं तक मारल बघ रुदल के अस्सी मन के ढालन पर लेल बचायढलिया कट के बघ रुदल के गद्दी रहल मरद के पासबाँह टूट गैल रुदल के बाबू टूटल पं के हाड़नाल टूट गैल घोड़ा के गिरल बहादूर घोड़ा सेधरती पर गिरल राम राम चिचियायपड़ल नजरिया है देवी रुदल पर पड़ गैल दीठ आइल देवी इंद्रासन के रुदल कन पहुँचल बायइमिरित फाहा दे रुदल के घट में गैल समायतारु चाटे रुदल के रुदल उठे चिहाय चिहायप्रान बचावे देबी बघ रुदल के रुदल जीव ले गैल परायभागल भागल चल गैले मोहबा में गैल परायएत्तो बारता बा रुदल के आल्हा के सुनीं हवालकेत्ता मनौलीं बघ रुदल के लरिका कहल नव् मानल मोरबावन कोस के गिरदा में बघ रुदल डिगरी देल पिटवायलिखल पाँती बघ रुदल तिलरी में देल पठायतेली बनियाँ चलल तिलरी के लोहन में आफत कालपाँती भेजवो नरबर गढ़ राजा मेदनी सिंह के दरबारचलल जे राजा बा मेदनी सिंह मोहबा में पहुँचल जायआइल राजा मकरन्ना गढ़ मोरंग के राज पहुँचल वायचलल जे राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धरायआइ राजा डिल्ली के सुरजन सिंह बुढ़वा सैयद बन्नारस के नौं नौ पूत अठारह नातओनेहल बादल के थमवैया लोहन में बड़ चण्डालमियाँ मेहदी है काबुल के हाथ पर खाना खायउड़ उड़ लड़िहें सरगे में जिन्ह के लोथ परी जै खायचलल जे राजा बा लाखन सिंह लाखन लाख घोड़े असवारनौ मन लोहा नौमनिया के सवा सौ मन के सानउन्ह के मुरचा अब का बरनौ सौ बीरान में सरदारआइल राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धरायजेत्ता जे राजा बा लड़वैया रुदल तुरत लेल बोलायजेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा लाख असवारएत्तो बारता बा राजा के रुदल के सुनीं हवालबीड़ा पड़ गैल बघ रुदल के रुदल बीड़ा लेल उठायमारु डंका बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ामजलदी आल्हा के बोलवावल भाइ चलव् हमरा साथ करों बिअहवा सोनवा के दिन रात चले तलवारगड्गन धोबी दुरगौली के बावन गदहा ढुले दुआरमुड्गर लाद देल गदहा पर लड़वयौ आफत कालदानी कोइरी बबुरी बन के सिहिंन लाख घोड़े असवारचलल जे पलटन बघ रुदल के जिन्ह के तीन लाख असवाररातिक दिनवाँ का चलला में धावा पर पहुँचल बायडेरा गिरावे दुरगौली में डेरा गिरौले बायजोड़ गदोइ रुदल बोलल भैया सुनीं आल्हा के देल बैठायनौ सौ सिपाही के पहरा बा आल्हा के देल बैठायरुदल चल गैल इंद्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल बनायएत्तो बारता बा रुदल के नैना गढ़ के सुनीं हवालभँटवा चुँगला बा नैना के राजा इंदरमन के गैल दरबाररुदल के भाइ अल्हगं है दुरगौली में डेरा गिरौले बायतीन लाख पलटन साथन में बा आल्हा के तैयारी बायहाथ जोड़ के भँटना बोलल बाबू इंदरमन के बलि जाओंहुकुम जे पाऊँ इंदरमन के आल्हा के लेतीं बोलायएतनी बोली सुनल इंदरमन राजा बड़ मड्गन होय जायजेह दिन लैबव् आल्हा के तेह दिन आधा राज नैना के देब बटवायचलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली में पहुँचल बायहाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा सुनीं महराजतेगा नव् चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा सुनव् धरम के बानहम नव् जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमारकिरिया धरावे भँटवा है बाबू सुनीं आल्हा बबूआनजे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज मंगा जी खाय
चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल बनायघड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जायनौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जायजवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल बनायछरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल बनायपकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिरायबावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसायलै चढ़ावल बजड़ा पर बात भैया छोटक के बलि जाओंलै डुबावव् आल्हा के गंगा दव् डुबायसवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल बायलै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत बायअम्बर बैटा जासर के आल्हा नव् डूबे बनायरुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल बायरोय कहँरिया दुरगौली में बाबू रुदल बात बनावलै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बायफाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बायपड़ल लड़ाई है छोटक सेतड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवारजै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआनजिन्ह के टॅगरी- धै के बीगे से त. चूरचूर हाये जायमस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहायथापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जायसवा लाख पलटन कर गल छोटक के जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जायभागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबारकठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदानएत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाललैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धरायआखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथलै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनायएत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवालबीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठायमारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजारबावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजारनौ सौ तोप चले सरकारी मँगनी जोते तीन हजारबरह फैर के तोप मँगाइन गोला से देल भरायआठ फैर के तोप मँगाइन छूरी से देल भरायकिरिया पड़ि गैल रजवाड़न में बाबू जीअल के धिरकारउन्ह के काट करों खरिहानचलल जे पलटन इंदरमन के सिब मंदिर पर पहुँचल जायतोप सलामी दगवावल मारु डंका देल बजवायखबर पहुँचल बा रुदल कन भैया आल्हा सुनीं मोर बातकरव् तैयार पलटन के सिब मंदिर पर चलीं बनायनिकलल पलटन रुदल के सिब मंदिर पर पहुँचल बायबोलल राजा इंदरमन बाबू रुदल सुनीं मोर बातडेरा फेर दव् एजनी से तोहर महा काल कट जायतब ललकारे रुदल बोलल रजा इंदरमन के बलि जाओंकर दव् बिअहवा सोनवा के काहे बढ़ैबव् राड़पड़ल लड़ाइ है पलटन में झर चले लागल तरवारऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवारभुँइयाँ पैदल के नव् मारे नाहिं घोड़ा असवारजेत्ती महावत हाथी पर सभ के सिर देल दुखरायछवे महीना लड़ते बीतल अब ना हठे इंदरमन बीरचलल ले राजा बघ रुदल सोनवा कन गैल बनायमुदई बहिनी मोर पहुँच वायघैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलायजौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड होय जायलोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल परायतब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बातपलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बायडुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बायडुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनानचलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बायहाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओंकर दव् बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव् राड़ एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जायतूँ सोनवा के कर जव् बिअहवा काहे बैढ़बव् राड़एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जायसुनीं बारता समदेवा केकाँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँसतेगा के माँड़ो छ्ँवौले बानौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठायसोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझारजाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझारमूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझारपलटन चल गैल रुदल के मँडवा में गैल समायबैठल दादा है सोनवा के मँड़वा में बैठल बायबूढ़ा मदन सिंह नाम धरायप्रक बेर गरजे मँडवा में जिन्ह के दलके दसो दुआरबोलल राजा बूढ़ा मदन सिंह सारे रुदल सुनव् बात हमारकत बड़ सेखी है बघ रुदल के मोर नतनी से करै बियाहपड़ल लड़ाइ है मँड़वा में जहवाँ पड़ल कचौंधी मार नौ मन बुकवा उड़ मँड़वा में जहवाँ पड़ल चैलिअन मारईटाँ बरसत बा मँड़वा में रुदल मन में करे गुनानआधा पलटन कट गैल बघ रुदल के सोना के कलसा बूड़ल माँड़ों मेंधींचे दोहाइ जब देबी के देबी माँता लागू सहायघैंचल तेगा है बघ रुदल बूढ़ा मदन सिंह के मारल बनायसिरवा कट गैल बूढ़ा मदन सिंह के हाथ जोड़ के समदेवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओंकर लव् बिअहवा तूँ सोनवा के नौ सै पण्डित लेल बोलायअधी रात के अम्मल में दुलहा के लेल बोलायलै बैठावल जब सोनवा के आल्हा के करै बियाह कैल बिअहवा ओह सोनवा के बरिअरिया सादी कैल बनायनौ सै कैदी बाँधल ओहि माँड़ों में सभ के बेड़ी देल कटवाय
जुग जुग जीअ बाबू रुदल तोहर अमर बजे तरवारडोला निकालल जब सोनवा के मोहबा के लेल तकायरातिक दिनवाँ का चलला में मोहबा में पहुँचल जाथ

1 comment: